छत्तीसगढ़ गाथा डेस्क. बस्तर के अंतिम छोर पर बसे बीजापुर की कवियत्री पूनम वासम ने कविताओं की वजह से देशभर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. पूनम की कविताओं में बस्तर की लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलती है, तो बस्तर का दर्द भी उभर कर सामने आता है. अपनी अनूठी भाषा शैली औरContinue Reading

छत्तीसगढ़ गाथा डेस्क. छत्तीसगढ़ी गीतों की जब भी बात होगी, केदार सिंह परिहार का नाम भला कौन भूल सकता है. मुंगेली के केशतरा में रहने वाले श्री परिहार ने कई सुप्रसिद्ध गीत लिखे हैं. 1972 में उनका लिखा एक गीत ‘छत्तीसगढ़ ल छांव करे बर मय छानही बन जातेंव’ आजContinue Reading

छत्तीसगढ़ गाथा डेस्क/ अगर आपने कवि और वरिष्ठ पत्रकार निकष परमार की कविताएं नहीं पढ़ीं तो जल्द पढ़ लेना चाहिए. निकष की कविताएं प्रकृति, संवेदना और यथार्थ के इतने करीब हैं कि पढ़ने वालों को लगता है कि यह उनकी ही कविताएं हैं. भावों को शब्दों में वे कुछ तरहContinue Reading

छत्तीसगढ़ गाथा डेस्क/ हिन्दी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार गजानन माधव मुक्तिबोध का जन्म 13 नवंबर 1917 को श्योपुर (शिवपुरी) जिला मुरैना, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में ह७ुआ. पिता का नाम माधवराव और माता का नाम पार्वती बाई था. पिता पुलिस में अधिकारी थे तो बचपन बड़ेContinue Reading

रमेश अनुपम/   ‘अपने अकेले होने को एक-एक अकेले के बीच रखने अपने को हम लोग कहता हूं कविता की अभिव्यक्ति के लिए व्याकरण का अतिक्रमण करते एक बिहारी की तरह कहता हूं कि हम लोग आता हूं इस कथन के साथ के लिए छत्तीसगढ़ी में-हमन आवत हन तुम हमContinue Reading

पीयूष कुमार/ लोक में एक विशेष चरित्र हमेशा रहा है जो किसी रिश्ते के नाम से समाज में चर्चित रहता है. यह जगत मामा, भैया, कका, बबा या फूफा आदि रूपों में अपने आसपास को प्रभावित किये रहता है. इसी तरह एक चरित्र साकार हुआ है राहुल सिंह जी कीContinue Reading