मनोज व्यास/ सड़क पर अनमने ढंग के चला जा रहा था तभी मेरी नजर सामने चल रही एक बूढ़ी काया पर पड़ी. ये क्या..मैं तो चौंक गया. ये तो महात्मा गांधी हैं. लेकिन ये बापू किसका हाथ पकड़कर चल रहे हैं.? अरे ये तो नाथूराम गोडसे है. बापू अपने हत्यारेContinue Reading

राजेश गनोदवाले/ ‘खोखो पारा’ अलग ढंग का नाम. रायपुर एक प्रकार से पारों का शहर है. नयापारा, छोटापारा, आमापारा, तात्यापारा, बंधवापारा, बढ़ईपारा, बूढ़ापारा, बैजनाथपारा, केलकरपारा, फोकटपारा, मौदहापारा और-खोखो पारा. पारा यानी मुहल्ला. इन नामों से उस इलाके को क्यों जाना जाता है? मैं नहीं जानता. लेकिन ऐसा कहे जाने केContinue Reading

राहुल कुमार सिंह/ आमंत्रण है, बसंत ने दस्तक दे दी. सचेत होते वेलेन्टाइन आ जाएगा. इस बीच बहुतेरे मन कोयल की कूक के साथ दिल में उठती हूक का तुक बिठाने में तो कुछ कोयली कूक काम-कथा के अनुप्रास अलंकरण आलेख आमंत्रण में ही डूबे-उतराए जा रहे हैं. कहा गयाContinue Reading

भुवाल सिंह/ अपूर्व बड़गैया निर्देशित ‘चमनबहार’ की कहानी छत्तीसगढ़ के लोरमी कस्बे के युवक बिल्लू के इर्द गिर्द घूमती है. बिल्लू पहचान के संकट से गुजर रहा है. अपनी पहचान बनाने के लिए वह वन विभाग की चौकीदारी छोड़कर दिनेश की मदद से लोरमी रोड पर ‘चमन बहार’ नाम सेContinue Reading