लोगों के मारे ताने, भला-बुरा कहा, पर रैप की दीवानगी ने बनाया छत्तीसगढ़ की पहली महिला रैपर

छत्तीसगढ़ गाथा डेस्क/

छत्तीसगढ़ की पहली महिला रैपर मिनी साइक्लोन यानी अर्चना गोस्वामी के रैप सांग इन दिनों यू-ट्यूूब पर धूम मचा रहे हैं. अर्चना का हाल ही में एक रैप सांग ‘मर्द’ आया है, जिसकी काफी तारीफ हो रही है. 2 मिनट 44 सेकंड के इस रैप सांग में मिनी साइक्लोन ने पुरुषों के दर्द और सच्चाई को बयां किया है. गाने के बोल काफी अच्छे हैं और उसे फिल्माया भी बेहतर तरीके गया है. अर्चना के इससे पहले भी कई रैप सांग आ चुके हैं, जिन्हें मिलियनभर से अधिक व्यू मिले हैं. अर्चना को उम्मीद है कि उनके नए गाने को अच्छा रिस्पांस मिलेगा.

अर्चना मूल रूप से सिंघोरी, बेमेतरा की रहने वाली हैं. उनके पिता प्रकाश पुरी गोस्वामी किसान व माता पुष्पलता गोस्वामी गृहणी हैं. अर्चना स्कूल के समय में हनी सिंह और बादशाह के रैप सुना करती थीं, वहीं से उनके मन में रैप लिखने और गाने का ख्याल आया. दसवीं कक्षा में पहली बार उन्होंने एक रिमिक्स लिखा और दोस्तों को सुनाया. दोस्तों को गाना काफी पसंद आया. फिर क्या था, अर्चना की दीवानगी रैप और हिपहॉप को लेकर बढ़ने लगी. ग्यारहवीं कक्षा पहुंचते-पहुंचते अर्चना ने कई रैप सांग लिख डाले. उन्होंने शुरुआत में अपने घर वालों को भी रैप सुनाया, लेकिन तब किसी ने ध्यान नहीं दिया. फिर शिक्षकों के ऊपर लिखा एक रैप सांग घर वालों को काफी पसंद आया. लेकिन समाज के लोगों का लड़की का इस तरह से गाना गाना, वह भी रैप सांग रास नहीं आ रहा था. अर्चना को कई लोगों ने ताने मारे, उलाहना दिए, लेकिन अर्चना ने हार नहीं मानी. घर वालों ने अर्चना का समर्थन किया. कहा- तुम जो करना चाहती हो करो, बिना किसी की परवाह किए. अर्चना अब रैप सांग और हिपहॉप में ही अपना करियर बनाना चाहती हैं.

पांच महीने पहले बनाया यू-ट्यूब चैनल,
पहले ही गाने को मिले ढ़ाई लाख से अधिक व्यू

अर्चना ने पांच महीने पहले ‘मिनी साइक्लोन’ के नाम ले अपना खुद का यू-ट्यूब चैनल लांच किया है. उसमें उन्होंने सबसे पहले छत्तीसगढ़ी रैप ‘सांग बना लेना मोला’ रिलीज किया, जिसे अब तक कुल 2 लाख 64 हजार व्यू मिले हैं. वहीं उनके दूसरे गाने ‘मर्द’ को भी अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है. अर्चना इससे पहले भी कई रैप सांग दूसरों के साथ मिलकर गा चुकी हैं. ‘छत्तीसगढ़िया के पावर’ नाम से उन्होंने एक रैप सांग गाया है, जिसे 14 लाख से अधिक लोग देख चुके हैं. वहीं राजिम में इस रैप पर स्टेज परफॉर्मेंस दिया था, जिसे 20 लाख से अधिक लोगों ने देखा है. इतना ही नहीं इस रैप पर करीब 20 हजार टिक-टॉक व हजारों की संख्या में रील भी बन चुके हैं.

रैप की दीवानगी ने छुड़ाई पढ़ाई

अर्चना ने बारहवीं के बाद घर वालों से काफी जिद करके खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, लेकिन उनका मन वहां ज्यादा दिनों तक नहीं लगा. रैप की दीवानगी के आगे क्लासिकल संगीत की पढ़ाई छूट गई. वे खैरागढ़ से रायपुर आ गईं और ‘राग अकेडमी’ में म्यूजिक की ट्रेनिंग लेने लगीं, लेकिन उनका मन वहां भी ज्यादा दिनों तक नहीं रमा. अर्चना बताती हैं, जब दूसरे लोग गाना गा रहे होते थे तो उनके दिमाग में रैप चल रहा होता था. वे रैप ही गाती थीं. रूम पर आकर रैप की ही प्रैक्टिस करती थीं. रायपुर आने के बाद उन्हें काफी स्ट्रगल भी करना पड़ा. वे गांव से आई थीं. रायपुर उनके लिए बिल्कुल नया शहर था. किसी से जान-पहचान भी नहीं थी. वे स्टूडियो-स्टूडियो आॅडिशन देने के लिए अकले घूमती थीं कि कोई उनका रैप रिकॉर्ड कर ले. फिर धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए और बाद में एक अच्छी टीम तैयार हो गई.

रैप का दुनिया में गिनी-चुनी ही लड़कियां

अर्चना बताती हैं कि रैप की दुनिया में लड़कों की ही बोलबाला है. रायपुर और छत्तीसगढ़ में भी वही हाल है. गिनी-चुनी लड़कियां ही रैप कर रही हैं. लड़कियों को घर से ज्यादा सपोर्ट नहीं मिल पाता. उनके घर वाले उनका सपोर्ट करते हैं, इसलिए वे लिख व गा पा रही हैं. अर्चना के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में रैप सांग काफी पसंद किए जा रहे हैं. हालांकि छत्तीसगढ़ रैप का क्रेज ज्यादा है. हिंदी रैप अभी ज्यादा पॉपुलर नहीं हुआ है. वे हिंदी और छत्तीसगढ़ी दोनों में रैप लिख रही हैं. अर्चना का मानना है कि एक दिन हिंदी रैप को भी अच्छे-खासे दर्शक मिलने लगेंगे. इसमें मेहनत थोड़ी ज्यादा है, लेकिन संभावनाएं भी भरपूर हैं. हिंदी रैप के साथ सबसे अच्छी चीज यह है कि उसे छत्तीसगढ़ से बाहर के लोग भी सुनते और समझते हैं. उनके नए हिंदी रैप ‘मर्द’ की हर तरफ तारीफ भी हो रही है. जिसकी प्रतिक्रियाएं उन तक पहुंच रही हैं.

रैप लिखने-गाने से मिलती है खुशी

अर्चना कहती हैं, रैप लिखने और गाने से उन्हें बेहद खुशी मिलती है. वे अपने आनंद के लिए रैप लिखती और गाती हैं. उनके अंदर रैप को लेकर पागलपन है. वे इसी में मेहनत करना चाहती हैं. इसी में अपना करियर बनाना चाहती हैं. वे थोड़ा हटकर रैप लिख रही हैं. मुद्दों को बेस बना रही हैं. शायद इसीलिए उनके रैप काफी पसंद किए जा रहे हैं. वे कई अच्छे रैप लिखी हैं, जिन पर काम चल रहा है. जल्द ही एक हिंदी और एक छत्तीसगढ़ी रैप यू-ट्यूब चैनल पर लांच करने की तैयारी है. अर्चना यानी मिनी साइक्लोन की उम्र अभी महज 22 साल है, लेकिन उनके लिए लिखे और गाए रैप ने तहलका मचा रखा है.
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